कलौंजी: अंडे और चिकन से भी ज्यादा विटामिन B12 वाला छिपा हुआ मसाला
हमारे रसोईघर में कई ऐसे मसाले होते हैं जो न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। इनमें से एक है कलौंजी (Nigella Seeds)। बहुत से लोग इसे सिर्फ तड़के या नमक पराठे तक सीमित मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कलौंजी में अंडे और चिकन से भी ज्यादा विटामिन B12 पाया जाता है?
आज हम जानेंगे कि कलौंजी को डाइट में कैसे शामिल करें, यह शरीर को कैसे फायदा पहुंचाती है, और इसे खाने का सही तरीका क्या है।
विटामिन B12 का महत्व क्यों है
विटामिन B12 हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व है जो:
- तंत्रिका तंत्र को मजबूत रखता है
- रक्त निर्माण (Red Blood Cells) में मदद करता है
- थकान और कमजोरी को दूर करता है
- मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है
कई लोग नॉन-वेज न खाने की वजह से इसकी कमी से जूझते हैं। यही कारण है कि कलौंजी विटामिन B12 का प्राकृतिक विकल्प बनकर उभर रही है।
कलौंजी में विटामिन B12 क्यों प्रचुर मात्रा में होता है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कलौंजी में न सिर्फ विटामिन B12 बल्कि लोहा (Iron), कैल्शियम, पोटैशियम, और एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं।
डॉ. सीमा त्रिवेदी (आयुर्वेद विशेषज्ञ) कहती हैं:
“कलौंजी का सेवन न सिर्फ विटामिन B12 की कमी को पूरा कर सकता है, बल्कि यह प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है। रोज सुबह खाली पेट 5-6 दाने कलौंजी के साथ गर्म पानी पीना बेहद लाभकारी है।”
डाइट में कलौंजी को शामिल करने के आसान तरीके
अगर आप सोच रहे हैं कि कलौंजी को रोजमर्रा के आहार में कैसे शामिल करें, तो यहां कुछ आसान उपाय हैं:
1. सुबह खाली पेट:
एक चम्मच कलौंजी के दाने गुनगुने पानी के साथ लें। इससे पाचन सुधरता है और विटामिन B12 का अवशोषण बेहतर होता है।
2. सलाद या सूप में:
थोड़ी सी कलौंजी छिड़कें। यह स्वाद और पोषण दोनों बढ़ाती है।
3. कलौंजी तेल:
आधा चम्मच कलौंजी तेल गर्म पानी या दूध में मिलाकर लें। इससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है।
4. सब्जियों और पराठों में:
पराठे या करी में कलौंजी डालने से डिश का स्वाद और हेल्थ दोनों बढ़ते हैं।
विटामिन B12 के लिए कलौंजी क्यों है बेहतर विकल्प
- यह 100% प्राकृतिक और वेज स्रोत है।
- इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता, इसलिए हृदय रोगियों के लिए भी सुरक्षित है।
- नियमित सेवन से थायरॉइड, शुगर और एनीमिया में लाभ होता है।
- एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण यह संक्रमण से भी बचाव करती है।
कलौंजी खाने के सही नियम
- रोज 1 से 2 ग्राम से अधिक न लें।
- गर्भवती महिलाएं सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
- अधिक सेवन से पेट में जलन या एसिडिटी हो सकती है।
विटामिन B12 और कलौंजी पर एक्सपर्ट की राय
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विनोद शर्मा बताते हैं:
“कलौंजी को ‘ब्लैक सीड’ कहा जाता है और इसमें पाए जाने वाले सक्रिय तत्व शरीर में विटामिन B12 के अवशोषण को बढ़ाते हैं। यह उन लोगों के लिए वरदान है जो नॉन-वेज नहीं खाते।”
निष्कर्ष
अगर आप भी अंडे और चिकन नहीं खाते लेकिन विटामिन B12 की कमी से जूझ रहे हैं, तो कलौंजी को अपने आहार में शामिल करें। यह न सिर्फ पोषण का खजाना है बल्कि रोजमर्रा की छोटी बीमारियों से भी बचाव करती है।
👉 अगला कदम: आज ही अपने किचन में कलौंजी को जगह दें और हर सुबह इसकी थोड़ी मात्रा लेना शुरू करें।
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Disclaimer:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी नए आहार या सप्लिमेंट को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक या न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श करें।
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