दरवाज़े के पीछे परछाईं The Shadow Behind the Door
एक रहस्यमयी जासूसी कहानी
अंधेरे का आग़ाज़
शहर के सबसे शांत मोहल्ले में एक अजीब हादसा हुआ। रिटायर्ड जज श्रीवास्तव की रातों-रात रहस्यमयी मृत्यु ने पूरे इलाक़े को हिला दिया। मौत के समय उनका दरवाज़ा अंदर से बंद था, और कोई जबरदस्ती घुसा नहीं दिखा। पुलिस ने इसे हार्ट अटैक बताया, लेकिन उनकी पोती सिया को यक़ीन था कि ये क़त्ल है।
सिया ने अपनी सहेली के भाई, एक निजी जासूस, "अर्जुन मलिक" की मदद ली — जो अब तक कई जटिल मामलों को सुलझा चुका था।
पहला सुराग
अर्जुन ने कमरे की तलाशी ली। किताबों की अलमारी के पीछे एक पुराना दस्तावेज़ मिला — एक वसीयत। उसमें लिखा था कि श्रीवास्तव अपनी सारी संपत्ति सिया के नाम कर चुके थे।
शक की सुई अब बाकी परिवार पर घूमी — खासकर उसके बेटे आलोक पर, जो हमेशा पैसों के पीछे भागता था।
एक और परछाईं
सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जांची गई, लेकिन मौत की रात लाइट गई थी — और कैमरे काम नहीं कर रहे थे।
फिर अर्जुन को पता चला कि बिजली केवल श्रीवास्तव के घर में ही गुल हुई थी — किसी ने जानबूझकर मेन स्विच बंद किया था।
एक नकली कहानी
आलोक ने पुलिस को बयान दिया था कि वह उस रात शहर से बाहर था, लेकिन मोबाइल टावर लोकेशन ने कुछ और ही बताया।
उसका फोन श्रीवास्तव के घर के पास ट्रैक हुआ था — ठीक उसी समय जब बिजली गुल हुई थी।
नकाब उतरता है
अर्जुन ने श्रीवास्तव के पुराने नौकर हरिचंद से बात की, जो रिटायर हो चुका था लेकिन श्रीवास्तव को बहुत मानता था।
उसने बताया कि आलोक हाल ही में वसीयत के बारे में जान चुका था और तब से ही परेशान था।
दबी हुई चीख़
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात छिपाई गई थी कि श्रीवास्तव की गर्दन पर हल्के दबाव के निशान थे — हार्ट अटैक नहीं, बल्कि दम घुटने से मौत हुई थी।
अर्जुन ने नए डॉक्टर से दूसरी रिपोर्ट निकलवाई, जिससे सच्चाई सामने आ गई।
आख़िरी परत
अब तक की पूरी कहानी ने एक शक को मज़बूत कर दिया — आलोक ने ही बिजली गुल की, वसीयत को लेकर पिता से झगड़ा किया और गुस्से में उनका गला घोंट दिया।
लेकिन तभी एक नया मोड़ आया — श्रीवास्तव के घर में लगी एक छुपी स्मार्ट डिवाइस ने उस रात की कुछ आवाज़ें रिकॉर्ड की थीं।
असली कातिल कौन?
रिकॉर्डिंग में किसी और की आवाज़ थी — एक महिला की, जो श्रीवास्तव को धमका रही थी।
यह आवाज़ किसी और की नहीं, सिया की थी।
परछाईं की पहचान The Shadow Behind the Door
सिया ने ही अर्जुन को बुलवाया था, लेकिन क्या यह सिर्फ़ एक चाल थी?
क्या वह सच्चाई छुपा रही थी?
जब अर्जुन ने सिया से सीधा सवाल पूछा, तो वह चुप हो गई।
पाठकों के लिए सवाल
अब सवाल आपसे — आपको क्या लगता है? असली कातिल कौन है?
क्या आलोक ने लालच में पिता को मारा?
या सिया ने वसीयत पाने के लिए चाल चली?
या कोई तीसरा किरदार अब तक परदे के पीछे है?
सोचिए, और नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर लिखें।
सच का सामना
सच ये था — सिया ने ही क़त्ल किया था।
उसने वसीयत के बारे में सबसे पहले जाना और जानबूझकर सीसीटीवी बंद करने की योजना बनाई।
उसने अपने चाचा आलोक पर शक डालने के लिए सबूतों का रुख मोड़ा।
जब श्रीवास्तव ने वसीयत बदलने की बात कही, तब उसने अपने ही दादा को मार डाला।
उसकी चालाकी यही थी — कि उसने ही जांच शुरू करवाई, ताकि कोई उस पर शक न करे।
