परिचय:
प्रसिद्ध लेखक एडवर्ड लैंगली अपनी स्टडी में मृत पाए जाते हैं। उनकी मृत्यु रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उनकी अधूरी पांडुलिपि में उनकी ही हत्या का सटीक वर्णन था।
जासूस विलियम ग्रेव्स को यह मामला सौंपा जाता है। जैसे-जैसे वह जांच आगे बढ़ाते हैं, उन्हें पता चलता है कि लैंगली की किताब केवल एक उपन्यास नहीं थी—बल्कि उसमें छुपे थे कुछ गहरे राज़। हर अध्याय में एक सुराग छुपा था, जो वास्तविक जीवन की घटनाओं से मेल खाता था।
लेकिन इससे पहले कि ग्रेव्स सच्चाई तक पहुंच पाते, एक और हत्या हो जाती है। क्या हत्यारा अपनी पहचान छुपाने के लिए सबूत मिटा रहा है? या यह सब लैंगली की योजना का हिस्सा था?
"अंतिम पृष्ठ" एक रोमांचक रहस्य उपन्यास है, जिसमें साहित्य, अपराध और धोखे की परतें धीरे-धीरे खुलती हैं। क्या ग्रेव्स इस पहेली को हल कर पाएंगे, या यह रहस्य हमेशा के लिए अधूरा रह जाएगा?
यह कहानी उन पाठकों के लिए है जो जासूसी कहानियों, रहस्यमयी सुरागों और अप्रत्याशित अंत को पसंद करते हैं। क्या आप तैयार हैं इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए?
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अध्याय 1: अंतिम शब्द
रात का सन्नाटा
लंदन की सर्द रात थी। हल्की बारिश की बूंदें कोबलस्टोन की सड़कों को भिगो रही थीं, और गीली हवा खिड़कियों पर धुंध छोड़ रही थी। हवेली "विस्टेरिया हाउस" के ऊपरी मंज़िल की स्टडी में हल्की रोशनी टिमटिमा रही थी। यह हवेली प्रसिद्ध लेखक एडवर्ड लैंगली की थी, जिनकी किताबें रहस्य और अपराध की दुनिया में एक नया आयाम जोड़ती थीं।
कमरे के अंदर लैंगली अपने लकड़ी के डेस्क के सामने बैठे थे। उनके चारों ओर किताबों का अंबार था—क्लासिक उपन्यास, रहस्यमयी दस्तावेज़, और उनकी खुद की लिखी हुई पांडुलिपियाँ। कमरे की दीवारों पर प्राचीन घड़ियाँ लटकी थीं, जिनकी टिक-टिक करती आवाज़ पूरे माहौल को और भी गूंजायमान बना रही थी।
उनकी टेबल पर एक अधूरी पांडुलिपि रखी थी, जिसका शीर्षक था "अंतिम शब्द"। यह उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काम माना जा रहा था, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनके जीवन का ही अंतिम अध्याय बन जाएगा।
अजनबी की दस्तक
रात के 11:45 बजे, हवेली के बड़े दरवाजे पर दस्तक हुई। नौकर थॉमस ने दरवाजा खोला, लेकिन वहां कोई नहीं था। उसने चारों ओर देखा, लेकिन केवल धुंध में लिपटी खाली सड़कें नज़र आईं।
उसी समय, दूसरी मंज़िल पर स्टडी का दरवाजा हल्के से खुला और बंद हुआ।
लैंगली ने अपने टाइपराइटर पर आखिरी कुछ शब्द टाइप किए, फिर रुके। उन्होंने घड़ी की ओर देखा—रात के 11:55।
उन्होंने धीरे से अपनी पांडुलिपि उठाई और उसके अंतिम पृष्ठ को ध्यान से देखा। उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं। वह कुछ सोच रहे थे, जैसे किसी निर्णय पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हों।
रहस्यमयी अंतिम पंक्तियाँ
लैंगली ने कांपते हाथों से अपनी कलम उठाई और पांडुलिपि के आखिरी पृष्ठ पर कुछ लिखा।
"और जैसे ही घड़ी ने बारह बजाए, वह कुर्सी पर गिर पड़ा... उसकी कलाई से खून बहने लगा... और उसकी कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई।"
लैंगली ने यह लिखने के बाद एक गहरी सांस ली। उनके चेहरे पर भय और बेचैनी साफ़ झलक रही थी।
अंतिम क्षण
रात के ठीक 12:00 बजे, हवेली की सभी घड़ियों ने एक साथ बजना शुरू किया।
स्टडी के दरवाजे के पीछे हलचल हुई। अचानक, कमरे की रोशनी बुझ गई।
अगले ही पल, जब रोशनी दोबारा आई, तो लैंगली की कुर्सी धीरे-धीरे पीछे की ओर झुक गई। उनकी आँखें खुली हुई थीं, लेकिन उनके चेहरे पर जीवन का कोई चिन्ह नहीं था।
उनकी कलाई से खून बह रहा था, और टेबल पर उनकी पांडुलिपि खुली पड़ी थी।
कमरे में मौत का सन्नाटा था।
सुबह की खोज
अगली सुबह, नौकर थॉमस चाय लेकर स्टडी की ओर बढ़ा। उसने दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया।
"सर? आपकी चाय तैयार है," उसने कहा, लेकिन कोई आवाज़ नहीं आई।
थॉमस ने दोबारा दरवाजा खटखटाया। इस बार थोड़ा ज़ोर से।
चिंतित होकर उसने नौकरानी एमा को बुलाया। दोनों ने मिलकर दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई हलचल नहीं हुई।
"कहीं सर बीमार तो नहीं हो गए?" एमा ने चिंता से कहा।
थॉमस ने झिझकते हुए खिड़की के पर्दे को थोड़ा हटाया और अंदर झांका।
डरावना नज़ारा
जो दृश्य उसने देखा, उसने उसके चेहरे से खून खींच लिया।
एडवर्ड लैंगली अपनी कुर्सी पर झुके हुए थे, उनकी कलाई से खून टपक रहा था।
उनकी टेबल पर एक अधूरी पांडुलिपि पड़ी थी। और उसमें वही लिखा था जो सच में हुआ था—
"और जैसे ही घड़ी ने बारह बजाए, वह कुर्सी पर गिर पड़ा... उसकी कलाई से खून बहने लगा... और उसकी कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गई।"
थॉमस और एमा ने एक-दूसरे को भयभीत नजरों से देखा।
"हमें... हमें तुरंत पुलिस को बुलाना चाहिए!" थॉमस ने कांपती आवाज़ में कहा।
लेकिन यह हत्या थी, आत्महत्या नहीं। सवाल यह था—हत्यारा कौन था?
अध्याय 1 समाप्त।
"यह कहानी यहीं समाप्त नहीं होती, कल हम फिर मिलेंगे और आगे का हाल जानेंगे। तब तक आप सोचिए कि क्या हुआ होगा, और अपने कमेंट्स ज़रूर दीजिए। धन्यवाद!" 😊
अस्वीकरण (Disclaimer) – "आख़िरी पन्ना"
"आख़िरी पन्ना" एक काल्पनिक उपन्यास है। इसमें वर्णित सभी पात्र, घटनाएँ और स्थान लेखक की कल्पना मात्र हैं। यदि किसी जीवित या मृत व्यक्ति, संस्था, स्थान या घटना से कोई समानता मिलती है, तो वह मात्र संयोग माना जाए। इस उपन्यास का उद्देश्य केवल मनोरंजन प्रदान करना है। इसमें व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं और इनका किसी भी वास्तविक व्यक्ति, समुदाय या संस्था से कोई संबंध नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे केवल एक रचनात्मक कल्पना के रूप में पढ़ें।
- लेखक
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