वरिष्ठ नागरिक कानूनी रूप से अधिक कर कैसे बचा सकते हैं: नवीनतम वित्त विधेयक 2025 के अनुसार
भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर बचत के कई कानूनी उपाय उपलब्ध हैं, जो उन्हें अपनी सेवानिवृत्ति के वर्षों में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करते हैं। वित्त विधेयक 2025 में किए गए हालिया संशोधनों के साथ, इन लाभों को और भी विस्तारित किया गया है। इस लेख में, हम इन उपायों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे और विशेषज्ञों की राय के साथ उनके प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
आयकर स्लैब में परिवर्तन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025 में, व्यक्तिगत आयकर में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। अब नई कर प्रणाली के तहत, ₹12 लाख तक की वार्षिक आय कर-मुक्त है, जो पहले ₹7 लाख थी, यह परिवर्तन वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि इससे उनकी कर देनदारी में कमी आएगी और उनकी बचत में वृद्धि होगी।
मानक कटौती में वृद्धि
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, नई कर प्रणाली के तहत वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती ₹75,000 तक बढ़ा दी गई है。यह कटौती वरिष्ठ नागरिकों के लिए उनकी कुल आय में से घटाई जाती है, जिससे कर योग्य आय कम होती है और कर देनदारी घटती है।
धारा 80TTB के तहत ब्याज आय पर कटौती
वरिष्ठ नागरिक अब बैंक, डाकघर, और सहकारी बैंकों में बचत खातों और सावधि जमा से अर्जित ब्याज आय पर ₹50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं。 यह कटौती उनकी कुल कर योग्य आय को कम करती है, जिससे कर देनदारी में कमी आती है।
चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर उच्च कटौती
धारा 80D के तहत, वरिष्ठ नागरिक अपने और अपने परिवार के लिए चुकाए गए चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर ₹50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं, जो अन्य व्यक्तियों के लिए उपलब्ध ₹25,000 की कटौती से अधिक है。 यह कटौती उनकी कर योग्य आय को कम करती है और स्वास्थ्य बीमा को अधिक सुलभ बनाती है।
निर्दिष्ट बीमारियों के लिए चिकित्सा व्यय पर कटौती
धारा 80DDB के तहत, वरिष्ठ नागरिक निर्दिष्ट बीमारियों या बीमारियों के उपचार के लिए किए गए चिकित्सा व्यय पर ₹1,00,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं。 यह कटौती उनकी कर योग्य आय को कम करती है और स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम करती है।
अग्रिम कर भुगतान में छूट
वरिष्ठ नागरिकों को अग्रिम कर का भुगतान करने से छूट दी गई है यदि उनकी आय वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से नहीं आती है। इसका अर्थ है कि यदि उनकी आय केवल पेंशन और ब्याज से है, तो उन्हें अग्रिम कर का भुगतान नहीं करना होगा, जिससे उनकी नकदी प्रवाह में सुधार होता है।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना एक सरकारी समर्थित निवेश साधन है जो वरिष्ठ नागरिकों को नियमित आय प्रदान करता है। हाल ही में, इस योजना में निवेश की अधिकतम सीमा ₹15 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख कर दी गई है, जिससे वरिष्ठ नागरिक अधिक धनराशि निवेश कर सकते हैं और उच्च ब्याज दर का लाभ उठा सकते हैं。
विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इन कर लाभों का पूरा उपयोग करके, वरिष्ठ नागरिक अपनी सेवानिवृत्ति के वर्षों में वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं। कर सलाहकार श्रीमती सोनिया मेहरा के अनुसार, "वरिष्ठ नागरिकों को चाहिए कि वे इन कर कटौतियों और योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं और अपने निवेश को इस प्रकार संरचित करें कि उनकी कर देनदारी न्यूनतम हो।"
निष्कर्ष
वित्त विधेयक 2025 में किए गए संशोधनों ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर बचत के नए अवसर प्रदान किए हैं। इन उपायों का सही उपयोग करके, वरिष्ठ नागरिक अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं और सेवानिवृत्ति के वर्षों में आर्थिक स्वतंत्रता का आनंद ले सकते हैं। हालांकि, किसी भी निवेश या कर योजना को अपनाने से पहले, एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
अस्वीकरण: मैं इस क्षेत्र का विशेषज्ञ नहीं हूं, और यह पोस्ट विभिन्न स्रोतों से संकलित जानकारी पर आधारित है। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
इन उपायों का सही उपयोग करके, वरिष्ठ नागरिक अपनी वित्तीय स्वतंत्रता को सुनिश्चित कर सकते हैं और सेवानिवृत्ति के वर्षों में आर्थिक स्थिरता का आनंद ले सकते हैं।
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