बीमा और दंत उपचार: एक ऐतिहासिक फैसला
भारत में दंत चिकित्सा (Dental Surgery) को लेकर बीमा कंपनियों और उपभोक्ताओं के बीच लंबे समय से विवाद रहा है। अक्सर बीमा कंपनियां दांतों के इलाज को "कॉस्मेटिक" बताकर क्लेम से इंकार कर देती हैं। हाल ही में हैदराबाद में बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) ने एक सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय दिया। इस फैसले ने बीमा पॉलिसी के तहत दंत शल्य चिकित्सा और रूट कैनाल जैसे उपचारों को कवर कराने की राह आसान कर दी है।
क्या है Insurance Ombudsman का निर्णय
राष्ट्रीय बीमा कंपनी (National Insurance) ने पहले दांत के इलाज के खर्च को कॉस्मेटिक बता कर क्लेम खारिज कर दिया था। लेकिन लोकपाल ने पॉलिसी की धारा 2.12 का हवाला देते हुए कहा कि "दंत उपचार में दांत और उससे जुड़ी संरचनाओं से संबंधित जांच, फिलिंग, क्राउन, एक्सट्रैक्शन और सर्जरी शामिल हैं।"
इस आधार पर उन्होंने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह 70,847 रुपये का क्लेम निर्धारित समय में निपटाए।
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण
इस निर्णय ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को स्पष्ट किया है:
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दंत शल्य चिकित्सा (Dental Surgery) को कॉस्मेटिक नहीं, बल्कि आवश्यक उपचार माना जाएगा।
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सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों को बीमा के तहत राहत मिलेगी।
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भविष्य में अन्य उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।
CSR अंजनयुलु, डिप्टी जनरल सेक्रेटरी, ARISE का कहना है कि "यह फैसला दंत उपचार के लिए क्लेम की राह आसान करेगा और बीमा कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाएगा।"
Dental Surgery Claim: विशेषज्ञों की राय
बीमा विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला उपभोक्ताओं को नई शक्ति देगा। दंत चिकित्सा अक्सर महंगी होती है और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ा आर्थिक बोझ बन जाती है। अब Insurance Ombudsman के इस फैसले के बाद मरीजों को उम्मीद है कि बीमा कंपनियां दंत उपचार के दावों को गंभीरता से लेंगी।
Insurance Ombudsman ruling से उपभोक्ताओं को क्या लाभ
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बीमा कंपनियां अब मनमानी से Dental Surgery Claim को खारिज नहीं कर पाएंगी।
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उपभोक्ता पॉलिसी क्लॉज का अध्ययन कर अपने अधिकार समझ सकते हैं।
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इससे उपभोक्ता जागरूकता और पारदर्शिता दोनों बढ़ेगी।
आगे क्या करें
अगर आपका भी Dental Surgery Claim अस्वीकृत किया गया है, तो आप बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में आपको अपनी पॉलिसी की शर्तें, अस्पताल के बिल और चिकित्सा रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती हैं।
निष्कर्ष
Insurance Ombudsman का यह फैसला बीमा उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है। यह न केवल सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी मिसाल कायम करेगा। अब दंत चिकित्सा का खर्च मरीजों पर पूरी तरह नहीं पड़ेगा।
अगला कदम: अगर आप बीमा पॉलिसी धारक हैं, तो अपनी पॉलिसी की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और जरूरत पड़ने पर अपने अधिकारों का उपयोग करें।
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