डिप्रेशन और एंग्जायटी आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी का एक सामान्य हिस्सा बन गए हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि महिलाएं इन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की कहीं अधिक शिकार हो रही हैं, जबकि पुरुष अपेक्षाकृत खुश और स्थिर दिखाई दे रहे हैं। यह सवाल उठता है कि आखिरकार महिलाएं ही क्यों अधिक प्रभावित हो रही हैं और इसके पीछे कौन से सामाजिक और जैविक कारण ज़िम्मेदार हैं।
Depression Anxiety in Women: क्यों महिलाएं अधिक प्रभावित
महिलाओं के लिए जीवन की चुनौतियां बहुस्तरीय होती हैं।
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घरेलू जिम्मेदारियां और कार्यस्थल का दबाव
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हार्मोनल बदलाव जैसे प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और मेनोपॉज
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समाज में असमान अपेक्षाएं और लैंगिक भेदभाव
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आर्थिक स्वतंत्रता की कमी और निर्णयों पर सीमाएं
इन सभी कारणों से महिलाओं में मानसिक दबाव लगातार बढ़ता है और डिप्रेशन-एंग्जायटी जैसी स्थितियां जन्म लेती हैं।
Depression Anxiety in Women: WHO की रिपोर्ट क्या कहती है
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग हर 5वीं महिला अपने जीवन में किसी न किसी समय डिप्रेशन या एंग्जायटी का शिकार होती है। दूसरी ओर पुरुषों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सामाजिक नेटवर्क और अपनी भावनाओं को साझा करने की कमी भी महिलाओं को इस स्थिति में और अधिक धकेलती है।
Depression Anxiety in Women: विशेषज्ञों की राय
मनोचिकित्सक डॉ. सीमा अग्रवाल बताती हैं, “महिलाएं अक्सर अपनी समस्याओं को दबाकर रखती हैं और मदद लेने में देर करती हैं। यही कारण है कि डिप्रेशन-एंग्जायटी उनकी ज़िंदगी पर गहरा असर डालते हैं। समय रहते काउंसलिंग, योग और सही दिनचर्या अपनाने से स्थिति बेहतर हो सकती है।”
Depression Anxiety in Women: बचाव और समाधान
डिप्रेशन-एंग्जायटी से बचने के लिए छोटे-छोटे कदम काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
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संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लें
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नियमित व्यायाम और योग करें
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दोस्तों और परिवार से खुलकर बातचीत करें
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सोशल मीडिया का कम उपयोग करें
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पेशेवर काउंसलिंग लेने से न हिचकें
Depression Anxiety in Women: पुरुषों का दृष्टिकोण
पुरुषों के अपेक्षाकृत खुश रहने का कारण उनकी जीवनशैली और समाज में उनकी भूमिका से जुड़ा माना जाता है। वे अक्सर अपने निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्र होते हैं और भावनात्मक बोझ कम उठाते हैं। हालांकि इसका अर्थ यह नहीं कि पुरुष मानसिक स्वास्थ्य से प्रभावित नहीं होते, बल्कि उनके लक्षण और शिकायतें अलग ढंग से सामने आती हैं।
निष्कर्ष
Depression Anxiety in Women को समझना और स्वीकार करना समाज की जिम्मेदारी है। महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत शुरू करना, उन्हें भावनात्मक और सामाजिक सहयोग देना तथा समय पर पेशेवर मदद लेना ही सही दिशा में कदम होगा। मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता तय करता है और इसमें महिलाओं की चुनौतियों को गंभीरता से लेना अत्यंत आवश्यक है।
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