Seeking God? He Is Closer Than You Think

Indian sage meditating under a Bodhi tree at dawn with golden light reflecting spiritual peace in calm atmosphere

🌸 Seeking God? भगवान मिलना सहज है – जब पुकार सच्ची हो

"तुमने ये कैसे कह दिया कि नौकरी मिलना कठिन है, लेकिन भगवान मिलना सहज है?"

इस सवाल ने मेरे भीतर की आत्मा को झकझोर दिया। और फिर एक शांत मुस्कान के साथ, मैंने कहा:

"क्योंकि नौकरी को पाने के लिए भाग्य, समय और संसाधनों की ज़रूरत होती है, लेकिन भगवान को पाने के लिए बस एक सच्चे भाव की।"

💼 नौकरी और भगवान में क्या अंतर है?

नौकरी एक प्रक्रिया है जिसमें अर्जी, परीक्षा, अनुभव और सिफारिश सब कुछ मायने रखते हैं। फिर भी रिजल्ट अनिश्चित है। हो सकता है सौ इंटरव्यू देने के बाद भी सफलता ना मिले।

लेकिन भगवान मिलना सहज है Seeking God is easy , क्योंकि उसके लिए ना तो साक्षात्कार है, ना ही कोई कोटा।

जैसे ही मन सच्चा हो जाता है, भाव प्रकट होते हैं, वहीं भगवान भी प्रकट हो जाते हैं।

🙏 भगवान मिलते कैसे हैं?

जब हृदय की पुकार सच्ची हो, जब आत्मा रो पड़े, जब मन दुनिया से हटकर ईश्वर में डूब जाए — तब भगवान मिलना सहज हो जाता है Seeking God becomes easy.

आध्यात्मिक विशेषज्ञ आचार्य चैतन्यदास जी कहते हैं:

"ईश्वर किसी विशेष ज्ञान या कर्म के मोहताज नहीं हैं, वो तो केवल आपकी चाह और प्रेम के प्रतीक हैं। भगवान मिलना सहज है यदि भाव सच्चा हो।"

🕉️ भगवान कोई दूर की शक्ति नहीं

हम उन्हें मंदिर में, मूर्तियों में या ग्रंथों में खोजते हैं। लेकिन भगवान हमारे भीतर हैं। जैसे आत्मा शरीर में है, वैसे ही ईश्वर हृदय में हैं।

Seeking God is easy क्योंकि वे पहले से हमारे पास हैं।
बस हम उन्हें पहचान नहीं पाते।

😔 फिर क्यों नहीं मिलते?

इसलिए नहीं कि वो कठिन हैं —
बल्कि इसलिए कि हमारी चाह अधूरी है, हमारी पुकार में पूर्ण समर्पण नहीं।

जैसे एक बच्चा जब तक जोर से रो नहीं देता, माँ नहीं दौड़ती —
वैसे ही जब तक आत्मा पुकारती नहीं, भगवान मिलना सहज नहीं बन पाता।

💡 समाधान क्या है?

  • रोज़ ध्यान करें – 10 मिनट भी सच्चे मन से पर्याप्त हैं।

  • नामस्मरण करें – हर सांस में उनका स्मरण करें।

  • मन की सच्चाई रखें – दिखावा नहीं, भावना जरूरी है।

  • समर्पण करें – स्वयं को उनके चरणों में छोड़ दें।

💖 निष्कर्ष – भगवान मिलना सहज क्यों है? Why Seeking God is easy? 

क्योंकि भगवान हमारे अपने हैं।
हमेशा से हैं, हमेशा रहेंगे।
हम जब चाहें, जहां चाहें — उन्हें पा सकते हैं।

बस एक पुकार…
बस एक अश्रु…
बस एक प्रेम से भरा भाव…

और भगवान मिलना सहज हो जाता है।

📌 आपका क्या अनुभव है? क्या आपने कभी हृदय से भगवान को पुकारा है?
👇 कमेंट में जरूर साझा करें।

🪔 प्रस्तुत लेख श्री सरदारी लाल धीमान जी द्वारा प्रायोजित है।

परिचय: सेवानिवृत्त वरिष्ठ बैंक प्रबंधक, निवेश सलाहकार तथा महासचिव – वरदान वेलफेयर सोसाइटी, पंचकूला। (यह एक परोपकारी संस्था है, जो पिछले 7 वर्षों से समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।) 

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📖 प्रेरणा स्रोत –गीता प्रेस गोरखपुर

2 Comments

  1. प्रेरणा, गीता प्रेस गोरखपुर

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  2. Thank you Sir for your Comment, the post has been updated.

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