Clue in the Dark – A Mysterious & Thrilling Story

 

Old mansion in rain at night with police cars and shadowy figure near a window


Clue in the Dark

बारिश की बूँदें खिड़की के शीशों पर दस्तक दे रही थीं। समय रात के ढाई बजे का था। दिल्ली के पॉश इलाके वसंत विहार में स्थित एक पुरानी हवेली में एक रहस्यमयी हत्या ने सबको चौंका दिया था। पीड़ित थीं मिसेज नीरा मल्होत्रा – शहर की नामी समाजसेविका और करोड़ों की जायदाद की मालकिन।

जांच का जिम्मा सौंपा गया था डीसीपी समर राणा को – एक तेजतर्रार, तटस्थ और हौसले से भरे हुए पुलिस अधिकारी को, जिनके पास हर केस को सुलझाने का एक अनोखा तरीका था।

हवेली में केवल चार लोग मौजूद थे – नीरा मल्होत्रा की बहू रिया, उनका पुराना वफादार नौकर हरि, एक नया ड्राइवर अर्जुन और एक किरायेदार जो ऊपर के हिस्से में रहता था – मिस्टर नकवी, एक रिटायर्ड प्रोफेसर।

हत्या बंद कमरे में हुई थी। कमरे की खिड़कियाँ अंदर से बंद थीं, दरवाज़ा भी अंदर से लॉक था। दरवाजा तोड़ने पर नीरा मल्होत्रा का शव पाया गया – एक तकिए से गला घोंटकर मारा गया था। कमरे में संघर्ष के कोई निशान नहीं थे, लेकिन मेज पर रखे चाय के कप में नींद की गोली के अंश पाए गए।

पहली नजर में सबकुछ आत्महत्या जैसा लग रहा था, लेकिन डीसीपी समर को यकीन था – यह एक योजनाबद्ध हत्या थी।

तफ्तीश शुरू हुई।

पहला शक – रिया मल्होत्रा पर गया। वह पिछले कुछ महीनों से अपनी सास के साथ तनाव में थी। जायदाद को लेकर भी झगड़े हो चुके थे। लेकिन रिया ने साफ कहा – "मैं हर रात की तरह अपने कमरे में थी। सुबह 2 बजे चाय हरि ने पहुंचाई, मैंने दरवाज़ा खोला भी नहीं।"

हरि – जो वर्षों से हवेली में काम कर रहा था, बोला – "मैंने ही रात को मैडम के लिए चाय बनाई थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि चाय में कुछ खास मिलाना है – शायद नींद की दवा – लेकिन मुझे लगा वो किसी पुराने दर्द के लिए ले रही होंगी।"

ड्राइवर अर्जुन – जिसने केवल एक महीने पहले नौकरी जॉइन की थी, उसने कहा – "मैं गैरेज में सो रहा था, मुझे किसी बात की खबर नहीं।"

मिस्टर नकवी, जो आमतौर पर किताबों में डूबे रहते थे, बोले – "मैं तो देर रात तक किताब पढ़ रहा था, मुझे तो किसी के कमरे से आवाज तक नहीं आई।"

समर राणा ने पूरे घर की तलाशी ली।

उसे एक चीज अजीब लगी – नीरा मल्होत्रा के कमरे की खिड़की की जाली के पीछे मिट्टी पर एक धुंधला सा पैरों का निशान था – जैसे कोई दीवार से चढ़कर खिड़की तक आया हो और फिर उसी रास्ते से लौट गया हो।

फॉरेंसिक रिपोर्ट में साफ हुआ कि चाय के कप में ‘ज़ोल्पिडेम’ नामक तेज़ नींद की गोली मिली थी – यह मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन के बिना नहीं मिलती।

समर ने मेडिकल शॉप्स की पड़ताल की, और पता चला कि एक दिन पहले ही नकली पहचान पत्र के ज़रिये किसी ने वो दवा खरीदी थी।

अब केस और उलझ गया।

समर ने सभी संदिग्धों से दोबारा पूछताछ की। इस बार उसने सबके मोबाइल रिकॉर्ड्स निकलवाए। एक बात सामने आई – ड्राइवर अर्जुन की कॉल डिटेल में एक नंबर बार-बार आया था – और वह नंबर एक प्रॉपर्टी डीलर का था।

समर ने जब अर्जुन को कड़ा सवाल किया, तो वह टूट गया। उसने बताया – "रिया मैडम चाहती थीं कि हवेली बेच दी जाए, लेकिन नीरा जी मान नहीं रही थीं। उन्होंने मुझसे बस इतना कहा था कि 'कुछ इंतज़ाम' करो, ताकि अड़चन हट जाए। मैंने मिस्टर नकवी से बात की क्योंकि वो बहुत शांत और समझदार लगते थे। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि वो सब संभाल लेंगे।"

अब समर को शक हुआ नकवी पर। लेकिन प्रोफेसर नकवी ने कहा – "मुझे फंसाया जा रहा है। हाँ, अर्जुन मुझसे कई बार मिला, लेकिन मैंने तो उसे किताबें उधार दी थीं। मेरा उस हत्या से कोई लेना-देना नहीं है।"

जांच अब निर्णायक मोड़ पर थी।

समर ने एक आखिरी ट्रिक अपनाई – उन्होंने हवेली के एक कमरे में सबको बुलाया और कहा कि उन्होंने सीसीटीवी रिकॉर्डिंग हासिल कर ली है जिसमें असली हत्यारा साफ दिख रहा है।

उसने सबके चेहरे देखे। हरि के चेहरे पर हल्का पसीना था। वह कांप रहा था।

समर ने कहा – "सच्चाई बाहर आ चुकी है। अब भी समय है, अपना गुनाह कबूल लो।"

हरि फूट-फूटकर रो पड़ा। उसने कहा – "मैडम ने मेरी बहन की जमीन हथिया ली थी। मैंने उसी दिन तय कर लिया था कि उन्हें सबक सिखाना है। चाय में दवा मिलाकर मैंने उन्हें बेहोश किया और फिर तकिए से गला घोंट दिया। खिड़की से वापस बाहर निकल गया ताकि लगे कि कमरा बंद था।"

अब यहाँ पाठक के लिए एक सवाल:

"क्या आपको लगता है कि हरि ही असली हत्यारा है? या फिर किसी ने उसे मोहरा बनाया?"

थोड़ा सोचिए… क्या कोई और है जो पर्दे के पीछे है?

सच्चाई कुछ और थी।

समर ने मुस्कुराते हुए कहा – "हरि, तुम सिर्फ मोहरा थे। असली योजना बनाने वाली रिया थी। उसने तुमसे कहा था कि नीरा जी ने तुम्हारी बहन की ज़मीन हथिया ली, जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ था। तुम्हारे जज़्बातों के साथ खेला गया।"

समर ने रिया के कमरे से एक रिकॉर्डिंग डिवाइस बरामद की, जिसमें रिया और अर्जुन की बातचीत रिकॉर्ड थी। रिया ने कहा था –
"हरि को कुछ भी कह दो, वह तो भावनाओं में बह जाएगा। बस काम हो जाना चाहिए।"

रिया को गिरफ्तार कर लिया गया। हरि को भी साज़िश में शामिल होने के लिए हिरासत में लिया गया।

न्याय हुआ, लेकिन सवाल उठता है –

“कभी-कभी हत्यारा वह नहीं होता जो हाथ से वार करता है, बल्कि वह होता है जो सोच से खेलता है।”

Conclusion

इस कहानी में दिखाया गया है कि अपराध की दुनिया केवल हथियारों से नहीं, दिमाग से भी चलती है। जब तक अंतिम परत नहीं हटती, तब तक सत्य एक भ्रम लगता है।


आपको यह रहस्य कथा कैसी लगी? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर दें।

अस्वीकरण (Disclaimer) – अंधेरे का सुराग Clue in the Dark

"आख़िरी पन्ना" एक काल्पनिक उपन्यास है। इसमें वर्णित सभी पात्र, घटनाएँ और स्थान लेखक की कल्पना मात्र हैं। यदि किसी जीवित या मृत व्यक्ति, संस्था, स्थान या घटना से कोई समानता मिलती है, तो वह मात्र संयोग माना जाए। इस उपन्यास का उद्देश्य केवल मनोरंजन प्रदान करना है। इसमें व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं और इनका किसी भी वास्तविक व्यक्ति, समुदाय या संस्था से कोई संबंध नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे केवल एक रचनात्मक कल्पना के रूप में पढ़ें।

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