Can We Really Multitask? Science of Divided Attention

Multitasking person with brain and task icons showing effects of divided attention on focus

आज की तेज़ रफ्तार दुनिया में, मल्टीटास्किंग (Multitasking) को सफलता की कुंजी माना जाता है। हम अक्सर खुद को एक साथ कई काम करते हुए पाते हैं—फोन पर बात करना, ईमेल चेक करना और साथ ही किसी प्रोजेक्ट पर काम करना। लेकिन क्या हमारा दिमाग वास्तव में मल्टीटास्किंग कर सकता है, या यह केवल एक भ्रम है? आइए, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझते हैं।

मल्टीटास्किंग का अर्थ और इसकी वास्तविकता

मल्टीटास्किंग का अर्थ होता है एक ही समय में एक से अधिक कार्यों को पूरा करना। यह कार्य मानसिक (Cognitive) या शारीरिक (Physical) हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, गाड़ी चलाते समय गाने सुनना या खाना बनाते समय फोन पर बात करना।

हालांकि, न्यूरोसाइंस (Neuroscience) की रिसर्च बताती है कि हमारा दिमाग वास्तव में मल्टीटास्किंग नहीं करता, बल्कि वह तेजी से एक कार्य से दूसरे कार्य पर स्विच करता है। यह प्रक्रिया "Task Switching" कहलाती है, और यह हमारी उत्पादकता (Productivity) को प्रभावित कर सकती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण: क्या हमारा दिमाग मल्टीटास्क कर सकता है?

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) के एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग एक साथ कई काम करने की कोशिश करते हैं, उनकी कार्यक्षमता उन लोगों की तुलना में कम होती है जो एक समय में केवल एक ही कार्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

1. ब्रेन प्रोसेसिंग लिमिटेशन्स (Brain Processing Limitations)

हमारा मस्तिष्क एक समय में केवल एक ही कार्य पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकता है। जब हम मल्टीटास्किंग करते हैं, तो हमारा दिमाग बार-बार एक कार्य से दूसरे कार्य पर स्विच करता है, जिससे "Cognitive Load" बढ़ जाता है और कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

2. उत्पादकता पर प्रभाव (Impact on Productivity)

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) की रिसर्च के अनुसार, मल्टीटास्किंग करने से कार्य को पूरा करने में 40% अधिक समय लग सकता है। जब हम बार-बार कार्य बदलते हैं, तो हमारा मस्तिष्क हर बार नई जानकारी को प्रोसेस करने में समय लेता है, जिससे हमारी गति धीमी हो जाती है।

3. मेमोरी और ध्यान पर प्रभाव (Effects on Memory and Attention)

मल्टीटास्किंग करने से हमारा ध्यान बंट जाता है, जिससे हम किसी भी कार्य में गहराई से नहीं जुड़ पाते। रिसर्च बताती है कि इससे हमारी "Working Memory" कमजोर हो जाती है, जिससे हम नई जानकारी को कम प्रभावी तरीके से ग्रहण करते हैं।

क्या मल्टीटास्किंग हमेशा नुकसानदायक है?

हर स्थिति में मल्टीटास्किंग नुकसानदायक नहीं होती। कुछ कार्य, जिन्हें "Low Cognitive Load Tasks" कहा जाता है, उन्हें साथ में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए:
गाने सुनते हुए टहलना – इससे मानसिक तनाव कम हो सकता है।
खाना बनाते समय पॉडकास्ट सुनना – इससे सीखने की प्रक्रिया तेज़ हो सकती है।
ड्राइविंग करते समय ऑडियोबुक सुनना – यह प्रभावी हो सकता है यदि सड़क पर अधिक ध्यान देने की जरूरत न हो।

लेकिन जिन कार्यों में "High Cognitive Load" होता है, जैसे मीटिंग में भाग लेना और ईमेल लिखना, उन्हें एक साथ करने से गलतियाँ होने की संभावना बढ़ जाती है।

विशेषज्ञों की राय (Expert Opinions)

  • डॉ. एथन क्रॉस (University of Michigan, Neuroscientist): "मल्टीटास्किंग हमारी सोचने की क्षमता को कमजोर करता है और हमारी मानसिक ऊर्जा को अधिक खर्च करता है।"

  • कैल न्यूपोर्ट (Deep Work के लेखक): "गहरे ध्यान (Deep Work) से किया गया एकल कार्य (Single-tasking) अधिक उत्पादक और प्रभावी होता है।"

इन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हमें अपनी उत्पादकता बढ़ानी है तो हमें "Single-tasking" को प्राथमिकता देनी चाहिए और ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचना चाहिए।


मल्टीटास्किंग के बजाय क्या करें? (Alternatives to Multitasking)

अगर आप अपनी उत्पादकता बढ़ाना चाहते हैं, तो इन तरीकों को अपनाएं:

1️⃣ Pomodoro Technique: 25 मिनट तक फोकस्ड काम करें, फिर 5 मिनट का ब्रेक लें।
2️⃣ Prioritization: सबसे जरूरी कार्यों को पहले करें।
3️⃣ Deep Work Sessions: बिना किसी रुकावट के गहरे ध्यान में काम करें।
4️⃣ Distraction-Free Environment: फोन और नोटिफिकेशन को बंद करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, हमारा दिमाग वास्तविक मल्टीटास्किंग करने में सक्षम नहीं है। जब हम एक साथ कई कार्य करने की कोशिश करते हैं, तो हमारी उत्पादकता और ध्यान दोनों प्रभावित होते हैं। हालांकि, कुछ सरल कार्यों को एक साथ किया जा सकता है, लेकिन जटिल कार्यों के लिए "Single-tasking" अधिक प्रभावी है।

क्या आपको मल्टीटास्किंग से परेशानी होती है?

यदि हां, तो आपको अपनी कार्यशैली को बदलकर ध्यान केंद्रित करने की आदत डालनी चाहिए। इससे न केवल आपका प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि मानसिक शांति भी बनी रहेगी।

Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। यह पोस्ट विभिन्न स्रोतों का उपयोग करके संकलित की गई है। यह किसी भी प्रकार की पेशेवर न्यूरोसाइंस या प्रोडक्टिविटी सलाह नहीं देता। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की राय लेना उचित होगा।

 

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